सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Yojana है।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना (Pradhanmantri Bhartiya Jan Aushadhi Yojana) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर में लोगों को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। यह योजना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती बनाती है बल्कि बेरोजगार युवाओं और उद्यमियों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है।
Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Yojana की शुरुआत और उद्देश्य:
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में “जन औषधि योजना” के रूप में हुई थी, जिसे 2015 में पुनः संरचित कर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के रूप में लागू किया गया।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- देश के हर नागरिक तक सस्ती दवाइयाँ पहुँचाना
- महंगी ब्रांडेड दवाइयों पर निर्भरता कम करना
- जेनेरिक दवाओं का प्रचार-प्रसार करना
- स्वास्थ्य खर्च को कम करके लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना
जेनेरिक दवाइयाँ क्या होती हैं?
जेनेरिक दवाइयाँ वही होती हैं जिनमें एक जैसी सक्रिय सामग्री (Active Ingredient) होती है जो ब्रांडेड दवाओं में होती है, लेकिन इनकी कीमत काफी कम होती है।
- क्वालिटी: जेनेरिक दवाइयों की गुणवत्ता और प्रभाव ब्रांडेड दवाओं के बराबर होता है।
- कीमत: इनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं से 50% से 90% तक कम हो सकती है।
- सुलभता: यह दवाइयाँ जन औषधि केंद्रों के माध्यम से देशभर में उपलब्ध कराई जाती हैं।
Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Yojana के लाभ:
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सस्ती दवाओं की उपलब्धता
गरीब और मध्यमवर्गीय लोग महंगी दवाओं के खर्च से बच सकते हैं। -
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ी है। -
रोजगार के अवसर
योजना के तहत जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिससे युवाओं को व्यवसाय शुरू करने का मौका मिलता है। -
आर्थिक बचत
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, PMBJP के कारण देशवासियों को हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है।
जन औषधि केंद्र खोलने की प्रक्रिया:
अगर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोलना चाहता है, तो उसे निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होती है:
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पात्रता
- भारतीय नागरिक होना चाहिए
- मेडिकल डिग्री/फार्मासिस्ट डिप्लोमा होना वांछनीय है
- एनजीओ, ट्रस्ट, स्वयं सहायता समूह भी आवेदन कर सकते हैं
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आवेदन प्रक्रिया
- आधिकारिक वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करें
- आवश्यक दस्तावेज़ जैसे पहचान पत्र, पते का प्रमाण, ड्रग लाइसेंस आदि अपलोड करें
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आर्थिक सहायता
- सरकार प्रत्येक केंद्र को 2.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देती है
- बिक्री पर 20% मार्जिन का लाभ मिलता है
Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Yojana का संचालन और प्रबंधन:
इस योजना का संचालन फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) द्वारा किया जाता है।
PMBI सुनिश्चित करता है कि:
- देशभर के गोदामों से समय पर दवाओं की सप्लाई हो
- दवाओं की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो
- स्टॉक और कीमत की जानकारी नियमित रूप से अपडेट हो
जन औषधि केंद्रों की संख्या और पहुंच:
2025 तक देश के सभी जिलों में जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल हजारों जन औषधि केंद्र पूरे देश में काम कर रहे हैं, जहाँ 1,800 से अधिक दवाएँ और 200 से अधिक सर्जिकल उपकरण सस्ती कीमत पर उपलब्ध हैं।
Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Yojana के तहत मिलने वाली दवाएँ:
इस योजना के तहत विभिन्न बीमारियों के लिए दवाएँ उपलब्ध हैं:
- हृदय रोग
- मधुमेह (डायबिटीज)
- ब्लड प्रेशर
- एंटीबायोटिक्स
- पेनकिलर्स
- विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स
- सर्जिकल उपकरण
Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Yojana से जुड़ी चुनौतियाँ:
हालाँकि योजना बेहद सफल रही है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
- दूरदराज़ के इलाकों में सप्लाई चेन की समस्या
- लोगों में जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता की कमी
- कुछ क्षेत्रों में सीमित जन औषधि केंद्र
योजना निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल आम नागरिकों को महंगी दवाओं से मुक्ति दिलाती है, बल्कि रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर भी खोलती है।
अगर सरकार और जनता मिलकर जागरूकता बढ़ाएँ, तो यह योजना “सबके लिए स्वास्थ्य” के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
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