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Pradhan Mantri Poshan Yojana क्या : जानिए संपूर्ण जानकारी


सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना Pradhan Mantri Poshan Yojana  है।



भारत जैसे विशाल देश में कुपोषण और शिक्षा, दोनों ही सबसे बड़ी चुनौतियाँ रही हैं। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएँ लाती रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री पोषण योजना (Pradhanmantri Poshan Yojana), जिसे पहले मिड-डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme) के नाम से जाना जाता था। यह योजना न सिर्फ बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराती है बल्कि उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य को भी मजबूत बनाने का कार्य करती है।

प्रधानमंत्री पोषण योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसके अंतर्गत सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त में पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। इस योजना की शुरुआत वर्ष 1995 में “राष्ट्रीय पोषण आहार कार्यक्रम” के रूप में हुई थी, जिसे आगे चलकर “मिड-डे मील योजना” नाम दिया गया। 29 सितंबर 2021 में सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर Pradhanmantri Poshan Shakti Nirman (PM-POSHAN) कर दिया।


Pradhan Mantri Poshan Yojana का उद्देश्य:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करना और उन्हें शिक्षा की ओर प्रेरित करना है। इसके प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार हैं:

  1. कुपोषण से बचाव – बच्चों को पर्याप्त कैलोरी और प्रोटीन वाला भोजन उपलब्ध कराना।
  2. विद्यालय में उपस्थिति बढ़ाना – गरीब परिवारों के बच्चे अक्सर भूख के कारण स्कूल नहीं आते, यह योजना उन्हें नियमित रूप से विद्यालय लाने में मदद करती है।
  3. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना – जब बच्चे भूख से मुक्त होकर पढ़ाई करेंगे तो उनकी एकाग्रता और सीखने की क्षमता बढ़ेगी।
  4. सामाजिक समानता – सभी वर्गों के बच्चों को एक साथ बैठाकर भोजन कराने से सामाजिक समरसता और भाईचारा बढ़ता है।


Pradhan Mantri Poshan Yojana के लाभ:

प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत बच्चों और समाज को कई लाभ मिलते हैं:

  • स्वास्थ्य में सुधार – पौष्टिक भोजन मिलने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है।
  • गरीब परिवारों को राहत – जिन परिवारों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, उनके बच्चों को रोज़ाना मुफ्त भोजन मिलता है।
  • लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा – कई परिवारों में लड़कियाँ स्कूल नहीं जातीं, लेकिन इस योजना से उनकी उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
  • भविष्य की नींव मजबूत – स्वस्थ और शिक्षित बच्चे ही देश के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी हैं।


Pradhan Mantri Poshan Yojanaना की मुख्य विशेषताएँ:

  1. लक्षित लाभार्थी – यह योजना कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए लागू है।
  2. भोजन की गुणवत्ता – भोजन में पर्याप्त कैलोरी, प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल किए जाते हैं।
  3. स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन – भोजन बनाने की जिम्मेदारी स्थानीय महिला समूहों और स्वयं सहायता समूहों को दी जाती है।
  4. स्वच्छता और सुरक्षा – भोजन तैयार करने और परोसने में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
  5. केंद्र और राज्य की साझेदारी – इस योजना को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लागू करते हैं।


पोषण मानक:

योजना के तहत बच्चों की आयु के अनुसार भोजन में कैलोरी और प्रोटीन की मात्रा तय की गई है:

  • कक्षा 1 से 5 तक: प्रतिदिन कम से कम 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन।
  • कक्षा 6 से 8 तक: प्रतिदिन कम से कम 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन।

भोजन में दाल, सब्जी, चावल/रोटी, दूध, अंडा (कुछ राज्यों में), और मौसमी फल शामिल किए जाते हैं।


Pradhan Mantri Poshan Yojana का प्रभाव:

पिछले वर्षों में इस योजना ने भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों पर सकारात्मक असर डाला है।

  • बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ी है।
  • ड्रॉप-आउट रेट में कमी आई है।
  • कुपोषण की समस्या में सुधार हुआ है।
  • सामाजिक समानता और भाईचारे का वातावरण मजबूत हुआ है।


Pradhan Mantri Poshan Yojana से जुड़ी चुनौतियाँ:

हालाँकि यह योजना सफल रही है, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  1. भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता में कुछ जगहों पर कमी देखी जाती है।
  2. भ्रष्टाचार और फंड का दुरुपयोग।
  3. कुछ क्षेत्रों में नियमित रूप से भोजन न मिलना।
  4. बच्चों की संख्या और उपलब्ध संसाधनों में असंतुलन।


Pradhan Mantri Poshan Yojana में  सरकार के प्रयास :

इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

  • डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है।
  • भोजन में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है।
  • बच्चों के भोजन में विविधता और पोषक तत्वों को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है।


निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री पोषण योजना (Pradhanmantri Poshan Yojana) न सिर्फ एक सरकारी योजना है, बल्कि यह बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना बच्चों को पौष्टिक आहार देकर उनके स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों को सशक्त बनाती है। आने वाले वर्षों में यदि इसे और बेहतर तरीके से लागू किया जाए, तो यह भारत में कुपोषण को समाप्त करने और शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।


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