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Mission Amrit Sarovar क्या है: जानिए संपूर्ण जानकारी

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना Mission Amrit Sarovar है।



भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ जल का महत्व केवल जीवन के लिए ही नहीं बल्कि आजीविका के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जल ही वह तत्व है जो खेतों को हरियाली देता है, पशुओं को जीवन देता है और मानव सभ्यता की नींव बनाता है। इसी जल संरक्षण के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने “मिशन अमृत सरोवर (Mission Amrit Sarovar)” की शुरुआत की है। यह योजना ग्रामीण भारत में जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मिशन अमृत सरोवर भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय अभियान है जिसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में जल संरक्षण हेतु 75 जलाशयों (ponds/lakes) का निर्माण या पुनर्जीवन करना है। यह मिशन स्वतंत्रता के 75 वर्ष (आजादी का अमृत महोत्सव) के उपलक्ष्य में 24 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रारंभ किया गया था।

इस योजना का मुख्य लक्ष्य है –
 1- जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण इलाकों में जल का भंडारण करना।
 2-वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना।
 3-ग्रामीण रोजगार और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना।


 Mission Amrit Sarovar के उद्देश्य:

  1. जल संरक्षण:
    देशभर में जल स्रोतों की संख्या बढ़ाना और भू-जल स्तर को सुधारना।

  2. ग्रामीण विकास:
    ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों और सरोवरों के निर्माण से रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।

  3. पर्यावरण संरक्षण:
    जलाशयों के आसपास वृक्षारोपण, हरियाली और जैव विविधता को बढ़ाना।

  4. जनभागीदारी को बढ़ावा:
    स्थानीय लोगों, पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी से जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाना।

  5. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम:
    ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधनों के माध्यम से आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाना।


Mission Amrit Sarovar का क्रियान्वयन कैसे होता है?

यह मिशन राज्य सरकारों, पंचायती राज संस्थानों, जल शक्ति मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है।

  • हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • एक सरोवर का औसत क्षेत्रफल लगभग 1 एकड़ या उससे अधिक रखा गया है।
  • निर्माण के लिए मनरेगा (MGNREGA), जल जीवन मिशन, PMKSY, 15वें वित्त आयोग के अनुदान, और CSR फंड्स का उपयोग किया जा रहा है।
  • स्थानीय समुदायों को श्रमदान, भूमि दान या संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।


Mission Amrit Sarovar के अंतर्गत किए जा रहे प्रमुख कार्य:

  1. पुराने तालाबों का पुनर्जीवन:
    जो जलाशय वर्षों से उपेक्षित थे, उन्हें फिर से साफ करके उपयोगी बनाया जा रहा है।

  2. नए तालाबों का निर्माण:
    जहाँ जल स्रोतों की कमी है, वहाँ नए सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।

  3. वृक्षारोपण और सौंदर्यीकरण:
    सरोवरों के आसपास पौधारोपण, बैठने की व्यवस्था और पथ-निर्माण किया जा रहा है ताकि यह ग्रामीण पर्यटन का भी केंद्र बने।

  4. स्थानीय रोजगार:
    निर्माण कार्यों में स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है।


Mission Amrit Sarovar से लाभ :

  1. जल उपलब्धता में वृद्धि:
    बरसाती पानी का संचयन होने से भूजल स्तर में सुधार होगा।

  2. कृषि उत्पादन में वृद्धि:
    किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी।

  3. रोजगार सृजन:
    निर्माण और रखरखाव के कार्यों से ग्रामीणों को स्थायी रोजगार मिलेगा।

  4. पर्यावरण संतुलन:
    तालाबों और सरोवरों से स्थानीय जलवायु में सुधार होगा, जैव विविधता बढ़ेगी।

  5. समुदाय में जागरूकता:
    यह मिशन जल संरक्षण के महत्व को समझाने का एक सशक्त माध्यम बन गया है।


अब तक की प्रगति:

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत देशभर में लाखों क्यूबिक मीटर जल भंडारण क्षमता वाले हजारों सरोवरों का निर्माण और पुनर्जीवन किया जा चुका है।
कई राज्यों — जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और तमिलनाडु — में यह योजना अत्यधिक सफल रही है। कई ग्राम पंचायतों ने इसे "जनभागीदारी" के रूप में अपनाया है और सामूहिक प्रयास से अपने गाँव को जल-संपन्न बनाया है।


भविष्य की दिशा:

भारत सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यह मिशन केवल जल संरक्षण तक सीमित न रहे बल्कि ग्रामीण पर्यटन, मत्स्य पालन और पर्यावरणीय शिक्षा का केंद्र भी बने। यदि प्रत्येक नागरिक इसमें अपनी भूमिका निभाए, तो “जल संकट” जैसा शब्द भविष्य में केवल इतिहास बन जाएगा।


निष्कर्ष:

मिशन अमृत सरोवर केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि जल संरक्षण की दिशा में एक जन आंदोलन है। यह अभियान ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने, रोजगार सृजन करने और पर्यावरण की रक्षा करने का सशक्त माध्यम बन रहा है। यदि हर गाँव, हर व्यक्ति इस मिशन से जुड़ता है, तो न केवल जल की समस्या का समाधान होगा, बल्कि “अमृत काल का भारत” वास्तव में जल-संपन्न और समृद्ध बनेगा।

 

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