सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना One Nation One Subscription Yojana है।
भारत सरकार ने शिक्षा और अनुसंधान को नई ऊँचाई पर पहुँचाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इन्हीं में से एक है — “One Nation One Subscription Yojana”।
यह योजना देशभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शोध संस्थानों को वैश्विक ई-जर्नल्स, ई-लाइब्रेरी और वैज्ञानिक संसाधनों तक मुफ्त और समान पहुँच प्रदान करती है।
आइए विस्तार से जानें कि यह योजना क्या है, इसकी शुरुआत
कब हुई, इसके लाभ क्या हैं और यह भारत के शिक्षा क्षेत्र में कैसे बदलाव लाएगी।
इस योजना की शुरुआत का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में “जय अनुसंधान (Jai Anusandhan)” के नारे के साथ रखा गया था।
इसके बाद, केंद्र सरकार ने इस विचार को ठोस रूप देने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की नीति तैयार की।
आखिरकार, 25 नवंबर 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “One Nation One Subscription (ONOS)” योजना को औपचारिक मंजूरी दी।
योजना का कार्यान्वयन 1 जनवरी 2025 से पूरे देश में शुरू हुआ।
इसका संचालन INFLIBNET (Information and Library Network Centre) के माध्यम से किया जा रहा है, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अधीन कार्य करता है।
One Nation One Subscription Yojana का उद्देश्य:
One Nation One Subscription योजना का मुख्य उद्देश्य है —
“देश के हर शोधकर्ता, शिक्षक और छात्र को बिना किसी बाधा या आर्थिक परेशानी के उच्च-गुणवत्ता वाले अंतरराष्ट्रीय शोध संसाधनों तक पहुँच देना।”
पहले ऐसा होता था कि केवल बड़े विश्वविद्यालय या समृद्ध संस्थान ही महंगे शोध-जर्नल्स की सदस्यता ले सकते थे।
अब इस योजना से सभी सरकारी उच्च-शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय, IIT, NIT, और अनुसंधान केंद्र एक समान पहुँच पा सकेंगे।
One Nation One Subscription Yojana की प्रमुख विशेषताएँ:
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राष्ट्रीय स्तर की लाइसेंसिंग व्यवस्था
- सरकार ने लगभग 30 से अधिक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों से समझौता किया है।
- इसके तहत 13,000+ ई-जर्नल्स और डेटाबेस तक पहुँच मिलेगी।
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सभी संस्थानों के लिए समान पहुँच
- देशभर के 6,000+ विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों को इस पोर्टल से जोड़ा गया है।
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बजट और अवधि
- योजना के लिए 2025-27 की अवधि में लगभग ₹6,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
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एकीकृत डिजिटल पोर्टल
- सभी संस्थानों को INFLIBNET पोर्टल के माध्यम से IP-based और Single Sign-On (SSO) सुविधा दी जा रही है।
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डिजिटल इंडिया और NEP 2020 के अनुरूप
- यह योजना नई शिक्षा नीति 2020 के “एक्सेस फॉर ऑल” सिद्धांत को आगे बढ़ाती है।
योजना से मिलने वाले प्रमुख लाभ:
- छात्रों के लिए – अब उन्हें किसी भी महंगे जर्नल या वेबसाइट की सदस्यता नहीं लेनी होगी।
- शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए – शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा क्योंकि सभी जरूरी संदर्भ सामग्री और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र आसानी से मिलेंगे।
- छोटे कॉलेजों के लिए – टियर-2 और टियर-3 शहरों के कॉलेज अब समान अवसरों के साथ बड़े संस्थानों की तरह शोध कर पाएंगे।
- देश के लिए – यह कदम भारत को “ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था (Knowledge Economy)” की ओर ले जाएगा और “Viksit Bharat @ 2047” के लक्ष्य में मदद करेगा।
योजना कैसे काम करती है?
सरकार की ओर से खरीदी गई जर्नल-सब्सक्रिप्शन को राष्ट्रीय स्तर पर साझा किया गया है।
हर मान्यता प्राप्त संस्थान को एक लॉग-इन या IP-based एक्सेस मिलता है जिससे वे अपने परिसर से सीधे इन जर्नल्स और डेटाबेस को एक्सेस कर सकते हैं।
इसका तकनीकी प्रबंधन INFLIBNET Centre, गांधीनगर द्वारा किया जा रहा है।
योजना की चुनौतियाँ:
हालाँकि यह योजना ऐतिहासिक है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
- कुछ निजी विश्वविद्यालय और स्वायत्त संस्थान अभी शामिल नहीं हैं।
- कई जगहों पर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और जागरूकता की कमी है।
- संसाधनों के उपयोग (usage) की नियमित निगरानी जरूरी है ताकि यह सिर्फ दिखावे की योजना न रह जाए।
- कई शिक्षकों और छात्रों को यह समझाने की जरूरत है कि इन संसाधनों का अधिकतम उपयोग कैसे करें।
आगे के सुझाव:
- सरकार को ONOS के दायरे में निजी संस्थानों को भी शामिल करना चाहिए।
- छात्रों-शोधकर्ताओं के लिए वर्कशॉप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ।
- उपयोग-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम से यह तय हो सके कि कौन-से संसाधन सबसे अधिक उपयोगी हैं।
निष्कर्ष:
One Nation One Subscription Yojana भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है।
इस योजना ने “ज्ञान सबके लिए” (Knowledge for All) की भावना को साकार किया है।
अब चाहे कोई छात्र महानगर में पढ़ रहा हो या किसी छोटे शहर में — हर किसी को समान स्तर पर शोध-संसाधन मिलेंगे।
यदि इसे सही ढंग से लागू किया गया, तो यह योजना भारत को शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में “विकसित राष्ट्र” बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करेगी।
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