भारत सरकार ने सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में "अटल पेंशन योजना" (Atal Pension Yojana - APY) की शुरुआत की। यह योजना विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों, श्रमिकों और कम आय वर्ग के नागरिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई थी। इस योजना की घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट में की थी और इसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को शुरू किया।
Atal Pension Yojana का उद्देश्य:
अटल पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों को नियमित मासिक पेंशन प्रदान करना है जो असंगठित क्षेत्र में कार्य करते हैं और जिनके पास भविष्य में आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं होता। इसका लक्ष्य वृद्धावस्था में नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें किसी पर निर्भर न रहने देना है।
Atal Pension Yojana की विशेषताएँ:
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लाभार्थी की आयु सीमा:
इस योजना का लाभ 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक उठा सकता है। -
पेंशन की राशि:
लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु के बाद ₹1,000 से ₹5,000 प्रति माह तक की सुनिश्चित पेंशन प्राप्त होगी। यह राशि इस बात पर निर्भर करती है कि लाभार्थी ने योजना में कितनी मासिक राशि कितने समय तक जमा की है। -
निश्चित पेंशन:
योजना एक निश्चित पेंशन प्रदान करती है, जो ₹1,000, ₹2,000, ₹3,000, ₹4,000 या ₹5,000 प्रतिमाह हो सकती है। -
योगदान का समय:
जितनी कम आयु में कोई व्यक्ति योजना से जुड़ता है, उतना कम मासिक अंशदान देना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष की आयु में योजना में शामिल होता है और ₹5,000 की पेंशन चाहता है, तो उसे लगभग ₹210 प्रतिमाह देना होगा। -
नामांकन अनिवार्य:
योजना के अंतर्गत नामांकन अनिवार्य है। लाभार्थी को किसी एक पारिवारिक सदस्य का नाम देना होता है, जो उसकी मृत्यु के बाद लाभ का अधिकारी होता है। -
कर लाभ:
आयकर अधिनियम की धारा 80CCD (1B) के अंतर्गत अटल पेंशन योजना में किए गए अंशदान पर कर में छूट मिलती है।
Atal Pension Yojana के लिए पत्रता:
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- उसकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- उसके पास एक वैध बैंक खाता या डाकघर बचत खाता होना चाहिए।
- यदि व्यक्ति पहले से कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) या किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित है, तब भी वह APY से जुड़ सकता है, लेकिन सरकारी अंशदान का लाभ उसे नहीं मिलेगा।
योगदान और पेंशन का संबंध:
इस योजना में लाभार्थी को तय पेंशन के अनुसार मासिक अंशदान देना होता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मासिक योगदान की राशि भी बढ़ती जाती है। उदाहरण के लिए:
| आयु | ₹1,000 पेंशन हेतु मासिक अंशदान | ₹5,000 पेंशन हेतु मासिक अंशदान |
|---|---|---|
| 18 वर्ष | ₹42 | ₹210 |
| 30 वर्ष | ₹105 | ₹577 |
| 39 वर्ष | ₹264 | ₹1,454 |
मृत्यु की स्थिति में लाभ:
- यदि लाभार्थी की मृत्यु 60 वर्ष के बाद होती है, तो उसके नामांकित व्यक्ति को पेंशन मिलती है।
- यदि लाभार्थी की मृत्यु 60 वर्ष से पहले हो जाती है, तो नामांकित व्यक्ति को संपूर्ण संचित राशि वापस मिल जाती है।
Atal Pension Yojana से बाहर निकलना:
- सामान्यतः योजना से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
- लेकिन असाधारण परिस्थितियों जैसे गंभीर बीमारी या मृत्यु की स्थिति में योजना से बाहर निकला जा सकता है।
- यदि लाभार्थी नियमित रूप से योगदान नहीं करता है, तो उसके खाते को बंद कर दिया जा सकता है। इसमें जुर्माना भी देना पड़ता है।
अंशदान बंद होने पर दंड:
यदि कोई व्यक्ति समय पर अंशदान नहीं करता है तो उसके खाते में निम्नलिखित दंड लागू हो सकते हैं:
- ₹100 तक के योगदान पर – ₹1 मासिक दंड।
- ₹101 से ₹500 तक – ₹2 मासिक दंड।
- ₹501 से ₹1,000 तक – ₹5 मासिक दंड।
- ₹1,001 से अधिक – ₹10 मासिक दंड।
Atal Pension Yojana में नामांकन और प्रक्रिया:
- बैंक या डाकघर में जाकर अटल पेंशन योजना के लिए फॉर्म भरें।
- आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण आदि देना आवश्यक है।
- चयनित पेंशन राशि के अनुसार मासिक अंशदान स्वचालित रूप से खाते से काटा जाता है।
योजना निष्कर्ष:
अटल पेंशन योजना भारत के गरीब और असंगठित क्षेत्र के नागरिकों के लिए एक उपयोगी और दूरदर्शी योजना है। यह वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है और सरकार के “सबका साथ, सबका विकास” के दृष्टिकोण को मजबूत बनाती है। यदि अधिक से अधिक लोग इस योजना से जुड़ते हैं तो देश में वृद्धावस्था की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था और सशक्त हो सकती है।
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