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PM Mudra Yojana क्या है: जानिए संपूर्ण जानकारी


सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना PM Mudra  Yojana है ।

भारत एक विकासशील देश है जहाँ बेरोजगारी और गरीबी एक बड़ी चुनौती है। देश की आर्थिक प्रगति में छोटे और मझौले उद्यमों की अहम भूमिका होती है। इन्हें प्रोत्साहित करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की थी। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाई गई थी जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं लेकिन वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाते।

मुद्रा का अर्थ
MUDRA का पूर्ण रूप है – Micro Units Development and Refinance Agency Ltd. यह एक वित्तीय संस्था है जो छोटे और गैर-कॉर्पोरेट व्यवसायों को ऋण प्रदान करने वाले बैंकों और NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को पुनर्वित्त (Refinance) करती है। इस योजना के अंतर्गत छोटे व्यापारियों, कारीगरों, ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों, महिलाओं, युवाओं और स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाती है।


PM Mudra Yojana के उद्देश्य

  1. स्वरोजगार को बढ़ावा देना: बेरोजगार युवाओं और काम की तलाश में लगे व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाना।
  2. छोटे उद्यमों को वित्तीय सहायता: छोटे व्यापारियों को बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान करना।
  3. महिलाओं और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना: महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन और वित्तीय स्वतंत्रता देना।
  4. ग्रामीण विकास: ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना।
  5. बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना: असंगठित क्षेत्र के लोगों को औपचारिक बैंकिंग से जोड़ना।


PM Mudra Yojana में लोन  की श्रेणियाँ:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है:

  1. शिशु (Shishu) लोन

    • ऋण राशि: ₹50,000 तक
    • लाभार्थी: नए उद्यमी जो पहली बार व्यवसाय शुरू कर रहे हैं।
    • उदाहरण: चाय की दुकान, सिलाई का काम, छोटे किराना स्टोर इत्यादि।
  2. किशोर (Kishor) लोन

    • ऋण राशि: ₹50,001 से ₹5 लाख तक
    • लाभार्थी: वे व्यवसायी जिनका व्यापार प्रारंभ हो चुका है लेकिन वे इसे और आगे बढ़ाना चाहते हैं।
    • उदाहरण: मोबाइल रिपेयरिंग शॉप, बुटीक, डेयरी फार्मिंग।
  3. तरुण (Tarun) लोन

    • ऋण राशि: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक
    • लाभार्थी: वे लोग जिनका व्यवसाय स्थिर हो चुका है और उन्हें उसका विस्तार करने के लिए पूंजी की आवश्यकता है।
    • उदाहरण: छोटे निर्माण इकाई, बड़ी रिटेल दुकान, सर्विस इंडस्ट्री।


PM Mudra Yojana की विशेषताएँ:

  1. कोई गारंटी नहीं: मुद्रा लोन बिना किसी जमानत या गारंटी के दिया जाता है।
  2. सरल आवेदन प्रक्रिया: लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है।
  3. कम ब्याज दर: मुद्रा लोन पर बैंक सामान्यतः 8% से 12% तक ब्याज लेते हैं, जो अन्य लोन की तुलना में कम है।
  4. लचीलापन: भुगतान अवधि में लचीलापन होता है, जो 3 से 5 वर्षों तक हो सकती है।
  5. महिला उद्यमियों को प्राथमिकता: महिलाओं को विशेष छूट एवं सब्सिडी दी जाती है।
  6. ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधा: लोग बैंक शाखा में जाकर या मुद्रा योजना की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।


PM Mudra Yojana में लाभार्थियों लिए दस्तावेज़:

मुद्रा लोन के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • निवास प्रमाण पत्र
  • व्यवसाय योजना (Business Plan)
  • बैंक खाता विवरण
  • GST पंजीकरण (यदि लागू हो)
  • अन्य आवश्यक कागजात जो बैंक मांग सकता है


PM Mudra Yojana के लाभ:

  1. आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: योजना से लाखों लोगों ने अपना खुद का व्यापार शुरू किया।
  2. रोजगार के अवसर: स्वयं के रोजगार के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देने का अवसर मिलता है।
  3. गरीबी में कमी: स्वरोजगार के माध्यम से आय में वृद्धि होती है जिससे जीवन स्तर सुधरता है।
  4. ग्रामीण विकास: योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ाई हैं।
  5. महिला सशक्तिकरण: बड़ी संख्या में महिलाओं ने लघु उद्योग शुरू किए।


PM Mudra Yojana  के अंतर्गत वित्तीय संस्थाएँ:

निम्नलिखित वित्तीय संस्थान मुद्रा लोन प्रदान करते हैं:

  • राष्ट्रीयकृत बैंक (जैसे SBI, PNB, BOB)
  • प्राइवेट बैंक (जैसे ICICI, HDFC)
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs)
  • लघु वित्त बैंक (Small Finance Banks)
  • NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान)
  • सहकारी बैंक


PM Mudra Yojana की चुनौतियाँ:

  1. जानकारी की कमी: ग्रामीण और अशिक्षित लोगों को योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती।
  2. ब्याज दर में विविधता: सभी बैंकों में ब्याज दर एक जैसी नहीं होती, जिससे भ्रम पैदा होता है।
  3. लोन वापसी में दिक्कत: कई बार लाभार्थी समय पर ऋण नहीं चुका पाते जिससे NPA (Non-Performing Assets) बढ़ता है।
  4. प्रशिक्षण की कमी: व्यवसाय शुरू करने से पहले प्रशिक्षण की व्यवस्था कम है।


PM Mudra Yojana  में सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • मुद्रा योजना को प्रचारित करने के लिए अभियान चलाए गए।
  • ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से आवेदन की सुविधा।
  • महिलाओं और कमजोर वर्गों को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष योजनाएँ।


 योजना निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना देश की आर्थिक संरचना को मज़बूत बनाने और रोजगार सृजन करने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल युवाओं को स्वावलंबी बनने का अवसर देती है, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में उद्यमिता की भावना को भी बढ़ावा देती है। यदि योजना को उचित मार्गदर्शन, निगरानी और प्रशिक्षण के साथ लागू किया जाए, तो यह भारत को “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में काफी आगे ले जा सकती है।

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