PM Jan-Dhan Yojana के उद्देश्य:
प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए की गई थी:
- हर परिवार का बैंक खाता खोलना: विशेषकर उन परिवारों का, जिनका पहले कोई बैंक खाता नहीं था।
- बिना न्यूनतम राशि के खाता खोलने की सुविधा: जिससे गरीब व्यक्ति भी आसानी से खाता खोल सके।
- बचत की आदत को प्रोत्साहित करना: योजना के तहत लाभार्थी बैंकिंग प्रणाली से जुड़कर अपनी छोटी-छोटी बचत को सुरक्षित रख सकते हैं।
- सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे खातों में भेजना (DBT): जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो और पारदर्शिता बनी रहे।
- बीमा और पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच देना।
PM Jan-Dhan Yojana की प्रमुख विशेषताएं:
- बिना शेष राशि के खाता खोलना: जन-धन योजना के तहत कोई भी व्यक्ति ज़ीरो बैलेंस (Zero Balance) पर खाता खोल सकता है।
- रुपे डेबिट कार्ड: खाता धारकों को एक RuPay डेबिट कार्ड प्रदान किया जाता है, जिससे वे एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं या खरीदारी कर सकते हैं।
- ₹1 लाख का दुर्घटना बीमा: प्रारंभ में योजना के अंतर्गत मिलने वाले डेबिट कार्ड पर ₹1 लाख तक का दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध था, जिसे बाद में बढ़ाकर ₹2 लाख कर दिया गया।
- ₹30,000 का जीवन बीमा: जो व्यक्ति योजना के प्रारंभिक चरण में खाता खोलते हैं, उन्हें ₹30,000 का जीवन बीमा कवर दिया गया।
- ओवरड्राफ्ट सुविधा: यदि खाता छह महीने तक नियमित रूप से चलाया जाता है, तो उस पर ₹10,000 तक की ओवरड्राफ्ट (Overdraft) सुविधा मिल सकती है।
- मोबाइल बैंकिंग की सुविधा: मोबाइल के माध्यम से भी लेन-देन की सुविधा दी जाती है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी लाभ उठा सकें।
PM Jan-Dhan Yojana की उपलब्धियाँ:
प्रधानमंत्री जन-धन योजना भारत में वित्तीय समावेशन की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई है। कुछ मुख्य उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:
- बड़े पैमाने पर खाता खोलना: करोड़ों लोगों ने इस योजना के अंतर्गत बैंक खाते खोले। 2025 तक 50 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खोले जा चुके हैं।
- महिलाओं की भागीदारी: महिला खाता धारकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। लगभग आधे से अधिक खाते महिलाओं के नाम पर खोले गए हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा: ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़े इलाकों में बैंकिंग नेटवर्क का विस्तार हुआ है।
- DBT की सफलता: उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मनरेगा जैसी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किया जा रहा है।
- बिचौलियों की समाप्ति: सरकारी योजनाओं का लाभ अब सीधे जरूरतमंदों तक पहुँचता है, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आई है।
PM Jan-Dhan Yojana की चुनौतियाँ:
हालाँकि प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने कई उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, फिर भी इसमें कुछ चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं:
- निष्क्रिय खाते: कई खातों में कोई लेन-देन नहीं होता, जिससे वे निष्क्रिय रह जाते हैं।
- साक्षरता की कमी: ग्रामीण और गरीब लोगों में वित्तीय साक्षरता की कमी होने के कारण वे उपलब्ध सुविधाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पाते।
- तकनीकी समस्याएँ: कई बार एटीएम कार्ड या मोबाइल बैंकिंग में तकनीकी दिक्कतें आती हैं।
- ओवरड्राफ्ट सुविधा की सीमाएँ: ओवरड्राफ्ट की सुविधा सभी खाताधारकों को समान रूप से नहीं मिलती, इसमें बैंक की शर्तें लागू होती हैं।
योजना निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री जन-धन योजना भारत में आर्थिक समावेशन की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इस योजना ने देश के करोड़ों गरीब नागरिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है, जिससे उन्हें न केवल बचत की सुविधा मिली है, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी सीधे उनके खातों में मिलने लगा है। यह योजना भारत को एक कैशलेस, डिजिटल और समावेशी अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
हालांकि चुनौतियाँ हैं, लेकिन निरंतर प्रयासों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से इन्हें दूर किया जा सकता है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना एक ऐसा कदम है, जिसने "सबका साथ, सबका विकास" के विजन को साकार करने की दिशा में ठोस आधार प्रदान किया है।
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