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Swachh Bharat Mission क्या है: जानिए संपूर्ण जानकारी




सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना "make in India" Yojana है।
भारत एक प्राचीन देश है, जिसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत विश्वभर में प्रसिद्ध है। परंतु, स्वच्छता की दृष्टि से भारत लम्बे समय तक पिछड़ा रहा। गंदगी, खुले में शौच, कचरे का बेतरतीब प्रबंधन, और स्वच्छता के प्रति जागरूकता की कमी ने स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाला। इसी चुनौती का सामना करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2014 में "स्वच्छ भारत मिशन" (Swachh Bharat Mission) की शुरुआत की। यह अभियान न केवल एक सरकारी योजना है, बल्कि यह एक जन आंदोलन के रूप में उभरा है।


Swachh Bharat Mission की शुरुआत

स्वच्छ भारत मिशन की औपचारिक शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई। यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती का प्रतीक है, जिन्होंने हमेशा स्वच्छता को स्वतंत्रता से जोड़कर देखा।

स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य भारत को 2 अक्टूबर 2019 तक "खुले में शौच से मुक्त (ODF)" और स्वच्छ बनाना था। यह मिशन दो भागों में विभाजित है:

  1. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) – ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण और स्वच्छता का प्रचार-प्रसार।
  2. स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) – शहरी क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन, सार्वजनिक शौचालय, और साफ-सफाई की व्यवस्था।


Swachh Bharat Mission के  मुख्य उद्देश्य:

स्वच्छ भारत मिशन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. खुले में शौच की प्रथा समाप्त करना।
  2. हर घर में शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
  3. ठोस और तरल कचरा प्रबंधन (Solid & Liquid Waste Management)।
  4. स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना।
  5. स्वच्छता को आदत में बदलना और व्यवहार में लाना।
  6. स्कूलों, आंगनबाड़ी, और सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता सुनिश्चित करना।

 Swachh Bharat Mission  की विशेषताएं:

  1. जनभागीदारी पर बल: यह अभियान केवल सरकारी प्रयास नहीं है, बल्कि इसमें आम जनता, स्वयंसेवी संस्थाएं, कॉर्पोरेट सेक्टर, स्कूल-कॉलेज, पंचायतें और मीडिया की सक्रिय भागीदारी है।

  2. ‘स्वच्छता ही सेवा’ आंदोलन: स्वच्छ भारत मिशन को जन आंदोलन का रूप देने के लिए समय-समय पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ जैसे उप-अभियानों की शुरुआत की गई।

  3. स्वच्छ सर्वेक्षण: शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता की रैंकिंग के लिए ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ की शुरुआत की गई। इससे शहरों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बना।

  4. इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग: प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया, टीवी, रेडियो, और मोबाइल एप्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया।


 Swachh Bharat Mission की उपलब्धियां (2014–2019)

  1. 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया।

  2. ODF गांव और जिले: 2019 तक अधिकांश गांवों और जिलों को ‘Open Defecation Free’ घोषित किया गया।

  3. स्वच्छता रैंकिंग: इंदौर लगातार कई वर्षों तक भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुआ।

  4. जन जागरूकता: स्वच्छता को लेकर जनता में चेतना और सहभागिता बढ़ी।


Swachh Bharat Mission की चुनौतियाँ:

हालाँकि स्वच्छ भारत मिशन ने कई मील के पत्थर पार किए हैं, लेकिन कुछ प्रमुख चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं:

  1. व्यवहार परिवर्तन: शौचालय का निर्माण करना आसान है, लेकिन उसका नियमित उपयोग और स्वच्छता बनाए रखना अधिक कठिन है।

  2. कचरा प्रबंधन: कचरे का पृथक्करण (segregation), पुनर्चक्रण (recycling), और वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण अब भी एक बड़ी चुनौती है।

  3. शहरी मलिन बस्तियाँ: घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्वच्छता बनाए रखना और बुनियादी सुविधाएं देना कठिन है।

  4. जल प्रबंधन: स्वच्छता से जुड़ी जल आवश्यकताओं को पूरा करना, विशेषकर जल संकट वाले क्षेत्रों में, कठिन होता है।


दूसरा चरण: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) – फेज 2 (2020–2025)

पहले चरण की सफलता के बाद 2020 में मिशन का दूसरा चरण शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य था:

  • ODF Plus गांवों का निर्माण: यानी ऐसे गांव जो केवल खुले में शौच से मुक्त नहीं, बल्कि ठोस और तरल कचरा प्रबंधन में भी सक्षम हों।

  • सतत स्वच्छता व्यवस्था: केवल निर्माण नहीं, बल्कि स्वच्छता को स्थायी रूप से बनाए रखना।


Swachh Bharat Mission का सामाजिक प्रभाव:

  1. स्वास्थ्य में सुधार: स्वच्छता से जल जनित बीमारियों में कमी आई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में कमी आई।

  2. महिला सशक्तिकरण: शौचालयों की सुविधा से महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा मिली है।

  3. शिक्षा पर सकारात्मक असर: स्वच्छ स्कूलों से बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई में सुधार हुआ है।

  4. पर्यावरणीय लाभ: साफ-सफाई से नदियों, जलाशयों और भूमि प्रदूषण में कमी आई है।


Swachh Bharat Mission के सरकार की योजनाओं से समन्वय:

स्वच्छ भारत मिशन अन्य योजनाओं से भी जुड़ा हुआ है, जैसे:

  • जल जीवन मिशन – स्वच्छ जल की आपूर्ति।
  • हर घर शौचालय योजना – शौचालय निर्माण के लिए वित्तीय सहायता।
  • PMAY (प्रधानमंत्री आवास योजना) – स्वच्छ और सुरक्षित घरों का निर्माण।


योजना निष्कर्ष:

स्वच्छ भारत मिशन भारत के इतिहास में एक मील का पत्थर है, जिसने स्वच्छता को एक राष्ट्रीय आंदोलन बना दिया। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक आचरण परिवर्तन है जो समाज को स्वास्थ्य, गरिमा, और पर्यावरण की दिशा में प्रेरित करता है।

हालांकि अब भी चुनौतियाँ मौजूद हैं, परन्तु जन-सहभागिता, राजनीतिक इच्छाशक्ति, और नवाचार के माध्यम से हम इन्हें पार कर सकते हैं। यदि हर नागरिक स्वच्छता को अपनी जिम्मेदारी समझे, तो “स्वच्छ भारत” का सपना पूर्ण रूप से साकार हो सकता है।

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