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International Air Connectivity Scheme क्या हैै: जान संपूर्ण जानकारी


सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना  International Air Connectivity Scheme है।




भारत जैसे विशाल देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में हवाई संपर्क (Air Connectivity) की बड़ी भूमिका होती है। हवाई मार्ग न केवल देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हैं, बल्कि विदेशों से भी सीधा संपर्क स्थापित करते हैं। इसी सोच के साथ भारत सरकार ने “अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना (International Air Connectivity Scheme - IHCS)” की शुरुआत 2022 में की है। यह योजना क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान (UDAN – Ude Desh ka Aam Nagrik) का ही एक विस्तार है, जिसका उद्देश्य छोटे शहरों और पर्यटन स्थलों को विदेशों से सीधी हवाई सेवाओं से जोड़ना है।

अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना भारत सरकार की एक पहल है, जिसके तहत भारत के छोटे-छोटे हवाई अड्डों से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को बढ़ावा दिया जाता है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर हवाई मार्गों के विकास में वित्तीय सहयोग प्रदान करती हैं।

सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों के यात्री बिना बड़े महानगरों में रुके सीधे अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों तक पहुँच सकें।


International Air Connectivity Scheme  की मुख्य विशेषताएँ:

  1. सीधी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा – छोटे शहरों से विदेशों तक हवाई मार्ग उपलब्ध कराना।
  2. पर्यटन को बढ़ावा – ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों को विदेशों से जोड़कर पर्यटन बढ़ाना।
  3. आर्थिक विकास – स्थानीय उद्योगों, व्यापार और निवेश को वैश्विक बाजार से जोड़ना।
  4. राज्य सरकारों की भागीदारी – इस योजना में राज्य सरकारों को भी आर्थिक योगदान देना होता है।
  5. UDAN योजना का विस्तार – घरेलू उड़ानों की तरह अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर भी विशेष रियायतें और वित्तीय सहायता दी जाती है।


International Air Connectivity Scheme  का उद्देश्य:

  • क्षेत्रीय शहरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ना।
  • यात्रियों को किफायती दरों पर अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराना।
  • नए हवाई अड्डों और रनवे के विकास को बढ़ावा देना।
  • नए रोजगार अवसर पैदा करना।
  • भारत को ग्लोबल टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करना।


International Air Connectivity Scheme  के अंतर्गत लाभ:

  1. यात्रियों के लिए सुविधा – अब यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय उड़ान पकड़ने के लिए बड़े महानगरों तक यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
  2. पर्यटन उद्योग का विकास – विदेशी पर्यटक सीधे छोटे शहरों तक पहुँच सकेंगे।
  3. स्थानीय व्यापार को लाभ – छोटे शहरों के व्यापारी और उद्योगपति सीधे विदेशों से व्यापार कर सकेंगे।
  4. रोजगार के अवसर – नए हवाई अड्डों, होटलों और ट्रैवल सेवाओं में रोजगार बढ़ेगा।
  5. भारत की वैश्विक पहचान – छोटे शहर भी अंतर्राष्ट्रीय नक्शे पर आएंगे।


किस प्रकार काम करती है यह योजना?

  • केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर एयरलाइंस को वित्तीय सहायता (Viability Gap Funding) प्रदान करती हैं।
  • एयरलाइंस कंपनियों को नए मार्गों पर उड़ान भरने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • यात्रियों के लिए टिकट दरों को सस्ती रखने के लिए सब्सिडी दी जाती है।
  • राज्य सरकारें टैक्स में छूट और इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएँ उपलब्ध कराती हैं।


किन राज्यों को अब तक लाभ मिला?

  • इस योजना के तहत असम, त्रिपुरा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
  • खासकर पूर्वोत्तर भारत के लिए यह योजना बहुत लाभकारी है, क्योंकि यहाँ से दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों तक सीधी उड़ानें शुरू की जा सकती हैं।


अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना और पर्यटन:

भारत में विश्व धरोहर स्थल, प्राकृतिक पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल बड़ी संख्या में हैं। जैसे –

  • वाराणसी, बोधगया, उज्जैन – धार्मिक स्थल।
  • जयपुर, उदयपुर – ऐतिहासिक पर्यटन।
  • असम, मेघालय, नागालैंड – प्राकृतिक पर्यटन।

सीधी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के माध्यम से यहाँ विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।


International Air Connectivity Scheme की   चुनौतियाँ:

  1. वित्तीय बोझ – राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है।
  2. इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी – छोटे हवाई अड्डों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड करना पड़ता है।
  3. एयरलाइंस की सीमित रुचि – कुछ मार्गों पर यात्रियों की संख्या कम होने से कंपनियों को घाटा हो सकता है।
  4. कड़ी प्रतिस्पर्धा – बड़े एयरपोर्ट्स और अंतर्राष्ट्रीय हब से प्रतिस्पर्धा करना आसान नहीं है।

 समाधान:

  • सरकार को एयरलाइंस के लिए और अधिक प्रोत्साहन देने चाहिए।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना होगा।
  • पर्यटन प्रचार और मार्केटिंग अभियान चलाना होगा।
  • स्थानीय उद्योगों और व्यापारिक गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ना होगा।


निष्कर्ष:

अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना (International Air Connectivity Scheme) भारत के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना न केवल यात्रियों को सुविधा देती है, बल्कि छोटे शहरों को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाती है।

पर्यटन, व्यापार, रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली यह योजना भारत को एक “वैश्विक संपर्क केंद्र” बनाने की दिशा में अग्रसर है। यदि चुनौतियों पर सही तरीके से काम किया गया तो आने वाले समय में भारत के छोटे-छोटे शहर भी अंतर्राष्ट्रीय हवाई मार्गों से सीधे जुड़े होंगे।

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