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Indradhanush Yojana क्या है : जानिए संपूर्ण जानकारी


सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना Indradhanush Yojana   है।


भारत सरकार ने बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को मज़बूत करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। उन्हीं में से एक है इंद्रधनुष योजना, जो देश में टीकाकरण दर को बढ़ाने और शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस लेख में हम इंद्रधनुष योजना (Mission Indradhanush) के बारे में विस्तार से जानेंगे – इसका उद्देश्य, लाभ, विशेषताएँ, उपलब्धियाँ और इससे जुड़ी अन्य ज़रूरी जानकारी।

इंद्रधनुष योजना (Mission Indradhanush) भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी टीकाकरण कार्यक्रम है, जिसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर 2014 को शुरू किया। इस योजना का लक्ष्य देश में उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुँचना है जिन्हें नियमित टीकाकरण सेवाएँ नहीं मिल पातीं।

योजना के तहत बच्चों को सात जानलेवा बीमारियों से बचाने वाले टीके दिए जाते हैं। इन बीमारियों में डिप्थीरिया, काली खाँसी, टिटनेस, पोलियो, तपेदिक (टीबी), खसरा और हेपेटाइटिस-बी शामिल हैं।


Indradhanush Yojana के मुख्य उद्देश्य:

  1. टीकाकरण कवरेज बढ़ाना – 2020 तक 90% बच्चों और गर्भवती महिलाओं को संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य।
  2. शिशु मृत्यु दर कम करना – समय पर टीकाकरण से नवजात और छोटे बच्चों की जानलेवा बीमारियों से रक्षा।
  3. टीकाकरण सेवाओं तक पहुँच – दूरदराज़ और पिछड़े क्षेत्रों में भी वैक्सीन उपलब्ध कराना।
  4. स्वास्थ्य जागरूकता – माता-पिता को टीकाकरण के महत्व के बारे में शिक्षित करना।


Indradhanush Yojana की विशेषताएँ:

  • निश्चित समयबद्ध अभियान – हर साल विभिन्न चरणों में टीकाकरण अभियान चलाया जाता है।
  • अल्पसेवित क्षेत्रों पर फोकस – शहरी झुग्गियों, जंगलों, चरागाहों, नदी द्वीपों और पहाड़ी इलाकों पर विशेष ध्यान।
  • टीकाकरण के सात रंग – इंद्रधनुष के सात रंग सात प्रमुख बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा का प्रतीक हैं।
  • भागीदारी दृष्टिकोण – राज्य सरकारें, एनजीओ और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ मिलकर काम करती हैं।


Indradhanush Yojana के चरण:

2014 में शुरुआत के बाद मिशन इंद्रधनुष को कई चरणों में लागू किया गया:

  1. मिशन इंद्रधनुष (2014) – मूल योजना।
  2. गहन मिशन इंद्रधनुष (Intensified Mission Indradhanush – IMI) – 2017 में लॉन्च किया गया ताकि कठिन क्षेत्रों में भी कवरेज बढ़ सके।
  3. IMI 2.0 (2019) – राज्यों को लचीलापन और बेहतर रणनीति प्रदान की गई।
  4. IMI 3.0 और 4.0 – कोविड-19 के बाद टीकाकरण दर को फिर से तेज़ करने के लिए।


Indradhanush Yojana के लाभ:

  • शिशुओं को घातक बीमारियों से सुरक्षा।
  • गर्भवती महिलाओं में टिटनेस और अन्य संक्रमणों का खतरा कम।
  • बच्चों की शारीरिक व मानसिक वृद्धि में सुधार।
  • स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास और जागरूकता बढ़ी।
  • ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य ढाँचा मज़बूत हुआ।


Indradhanush Yojana की उपलब्धियाँ:

  • योजना शुरू होने के बाद से भारत में टीकाकरण कवरेज में तेज़ वृद्धि हुई।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS-5) के अनुसार, 2015-16 के 62% की तुलना में 2019-21 में पूर्ण टीकाकरण कवरेज 76% तक पहुँच गया।
  • कई राज्यों में 90% से अधिक बच्चों को टीकाकरण मिल रहा है।
  • यूनिसेफ़ और डब्ल्यूएचओ ने इस कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर सराहा।


Indradhanush Yojana की   चुनौतियाँ और समाधान:

चुनौतियाँ:

  • दूरस्थ इलाकों तक पहुँचने में कठिनाई।
  • सामाजिक मिथक और गलत धारणाएँ।
  • प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कमी।

समाधान:

  • मोबाइल टीकाकरण टीमों की तैनाती।
  • स्थानीय नेताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से जागरूकता अभियान।
  • डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल ऐप से टीकाकरण ट्रैकिंग।


निष्कर्ष:

इंद्रधनुष योजना भारत में टीकाकरण को सशक्त बनाने और बच्चों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना ने न केवल शिशु मृत्यु दर कम करने में मदद की है, बल्कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को भी मज़बूत किया है। अगर इसे निरंतर गति से लागू किया जाता रहा, तो भारत शीघ्र ही संपूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त कर सकता है और स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर होगा।

स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब हर बच्चा और हर माँ टीकाकरण की सुरक्षा कवच में हो। इंद्रधनुष योजना इसी लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

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