सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना Pandit Deendayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana (PDDUGJY) है।
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास तभी संभव है, जब वहां पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो। इस सोच को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने 20 नवंबर 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (PDDUGJY) की शुरुआत की। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य गांवों में सतत और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
PDDUGJY का उद्देश्य:
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में 24×7 विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करना है। इसका फोकस कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली आपूर्ति को अलग-अलग फीडरों से उपलब्ध कराना है, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिल सके और घरेलू उपभोक्ताओं को निरंतर बिजली आपूर्ति हो सके।
PDDUGJY की प्रमुख विशेषताएं:
- फीडर सेपरेशन – कृषि और घरेलू बिजली आपूर्ति के लिए अलग फीडर लाइन बिछाई जाती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों का विद्युतीकरण – जिन गांवों या टोले में अब तक बिजली नहीं पहुंची थी, वहां बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया।
- पुरानी बिजली लाइनों का सुधार – पुराने और जर्जर बिजली ढांचे को आधुनिक तकनीक से बदला जाता है।
- ऊर्जा दक्षता में सुधार – बेहतर ट्रांसफॉर्मर और उच्च क्षमता के तारों का उपयोग किया जाता है, जिससे लाइन लॉस कम हो।
- सौर ऊर्जा को बढ़ावा – योजना में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया गया है।
PDDUGJY के लाभ:
- कृषि क्षेत्र में प्रगति – किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिलती है, जिससे फसलों की पैदावार बढ़ती है।
- घरेलू उपभोक्ताओं को राहत – गांवों में बिजली कटौती की समस्या कम होती है और बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित होता है।
- ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा – बिजली उपलब्ध होने से छोटे उद्योग, मिल, डेयरी और अन्य व्यवसाय विकसित होते हैं।
- शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार – स्कूलों, अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली की उपलब्धता से सेवाएं बेहतर होती हैं।
- रोज़गार के अवसर – बिजली से संबंधित परियोजनाओं और छोटे उद्योगों के कारण स्थानीय स्तर पर रोज़गार सृजन होता है।
PDDUGJY का कार्यान्वयन:
इस योजना के तहत ग्रामीण विद्युतीकरण के प्रोजेक्ट्स को राज्य सरकारों और बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) के माध्यम से लागू किया जाता है। केंद्र सरकार परियोजना लागत का 60% तक अनुदान के रूप में देती है, जबकि शेष राशि राज्य सरकारों और DISCOMs द्वारा वहन की जाती है। योजना में बिजली ढांचे के आधुनिकीकरण, नए सबस्टेशन के निर्माण, ट्रांसफॉर्मर की स्थापना और सौर ऊर्जा आधारित मिनी ग्रिड सिस्टम पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
PDDUGJY की अब तक की प्रगति:
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत देशभर में हजारों गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है। करोड़ों ग्रामीण घरों को बिजली से जोड़ने में यह योजना अहम साबित हुई है। 2018 में सरकार ने “सभी के लिए बिजली” लक्ष्य को हासिल करने के लिए सौभाग्य योजना के साथ मिलकर इसे आगे बढ़ाया।
निष्कर्ष:
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के सपने को हकीकत में बदला है। यह योजना न केवल किसानों के लिए वरदान बनी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में भी मददगार रही है। बिजली के बिना किसी भी क्षेत्र का विकास संभव नहीं, और इस दृष्टि से PDDUGJY ग्रामीण भारत के लिए मील का पत्थर साबित हुई है। आने वाले समय में इस योजना के माध्यम से देश का हर गांव ऊर्जा संपन्न बनेगा, यही इस पहल की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
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