सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना UDAY Yojana है।
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में विद्युत वितरण कंपनियां (DISCOMs) वह कड़ी हैं जो बिजली उत्पादन और उपभोक्ता के बीच का फासला पाटती हैं। लेकिन वर्षों से इन कंपनियों की वित्तीय हालत कमजोर रही, जिसके कारण न केवल बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई बल्कि संपूर्ण पावर सेक्टर पर बोझ बढ़ा। इन चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 20 नवंबर 2015 को UDAY – Ujwal DISCOM Assurance Yojana (उज्ज्वल डिस्कॉम आश्वासन योजना) शुरू की। इसका मुख्य उद्देश्य वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार करना और उन्हें परिचालन रूप से सक्षम बनाना था।
UDAY Yojana का उद्देश्य:
UDAY का फुल फॉर्म Ujwal DISCOM Assurance Yojana है। यह योजना DISCOMs के बढ़ते कर्ज़ को कम करने, उनकी कार्यक्षमता सुधारने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। इसके प्रमुख लक्ष्य हैं:
- वित्तीय बोझ कम करना: वितरण कंपनियों पर चढ़े पुराने कर्ज़ का समाधान।
- परिचालन दक्षता बढ़ाना: ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन (T&D) लॉस को कम करना।
- सस्ती बिजली उपलब्ध कराना: उत्पादन से लेकर वितरण तक की लागत को नियंत्रित कर उपभोक्ताओं तक सस्ती बिजली पहुंचाना।
- सतत ऊर्जा विकास: पावर सेक्टर में दीर्घकालिक सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
UDAY Yojana की प्रमुख विशेषताएं:
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कर्ज़ पुनर्गठन (Debt Restructuring):
- राज्य सरकारों को DISCOMs के 75% बकाया कर्ज़ का वहन करने की अनुमति मिली।
- शेष 25% कर्ज़ को बांड्स में परिवर्तित कर वित्तीय बाज़ार से उठाने की व्यवस्था की गई।
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परिचालन सुधार:
- AT&C (Aggregate Technical & Commercial) हानि को घटाने के लिए स्मार्ट मीटर, फीडर मीटरिंग और आईटी-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किए गए।
- ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम जैसे LED बल्ब वितरण, ऊर्जा बचत पंखे और स्ट्रीट लाइटिंग को प्रोत्साहित किया गया।
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बिजली दरों में यथार्थवाद:
- सब्सिडी और क्रॉस-सब्सिडी का संतुलन बनाकर DISCOMs के राजस्व को स्थिर बनाने की पहल की गई।
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नवीकरणीय ऊर्जा प्रोत्साहन:
- सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से बिजली खरीद को बढ़ावा मिला।
UDAY Yojana के लाभ:
- वित्तीय सुधार: योजना से DISCOMs का ब्याज बोझ घटा और कर्ज़ का दबाव कम हुआ।
- परिचालन घाटे में कमी: AT&C हानि में कमी आने से परिचालन घाटा कम हुआ।
- बिजली आपूर्ति में सुधार: वित्तीय मजबूती के कारण DISCOMs ने बिजली वितरण और रखरखाव पर अधिक निवेश किया, जिससे उपभोक्ताओं को 24×7 बिजली उपलब्ध होने लगी।
- निजी निवेश को बढ़ावा: बेहतर वित्तीय स्थिति से पावर सेक्टर में निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
UDAY Yojana की चुनौतियां:
हालांकि योजना से महत्वपूर्ण लाभ हुए, लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी बरकरार हैं:
- कई राज्यों में AT&C हानि लक्ष्यों तक नहीं घट पाई।
- बिजली की औसत लागत और उपभोक्ता शुल्क (Tariff) के बीच का अंतर कम करने में कठिनाई आई।
- समय पर बिजली दरों में संशोधन की कमी से राजस्व पर दबाव बना रहा।
UDAY Yojana के बाद की पहलें:
UDAY के अनुभवों से सीख लेकर सरकार ने नई योजनाएं और सुधार लागू किए, जैसे:
- Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS): वितरण क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय सहायता।
- स्मार्ट प्रीपेड मीटर: समय पर राजस्व वसूली सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का अभियान।
- नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण: ग्रीन एनर्जी को ग्रिड में जोड़कर बिजली आपूर्ति को सस्ती और स्थिर बनाने पर जोर।
निष्कर्ष:
UDAY (Ujwal DISCOM Assurance Yojana) ने भारत के पावर सेक्टर में वित्तीय सुधार की मजबूत नींव रखी। इस योजना ने वितरण कंपनियों को कर्ज़ के बोझ से राहत दिलाई, घाटे में कमी लाई और परिचालन दक्षता बढ़ाई। हालांकि, चुनौतियों को दूर करने के लिए सतत प्रयास और तकनीकी निवेश जरूरी हैं। RDSS और स्मार्ट मीटर जैसी पहलें बताती हैं कि सरकार बिजली वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, कुशल और वित्तीय रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।
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