सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, Railway, Bank, UPSSSC में सरकारी योजनाओं से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं इन्हीं योजनाओं में एक योजना Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana है।
भारत सरकार ने देश के स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत करने और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए “आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना” (Pradhan Mantri Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana) की शुरुआत की। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 फरवरी 2021 को केंद्रीय बजट में घोषित की गई थी। इस लेख में हम इस योजना के उद्देश्य, विशेषताएं, लाभ और इसके तहत किए जा रहे सुधारों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana का उद्देश्य:
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत बनाना है, ताकि देश किसी भी स्वास्थ्य आपदा से प्रभावी तरीके से निपट सके। COVID-19 महामारी ने दिखाया कि मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली की कितनी आवश्यकता है। इसके माध्यम से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाया जा रहा है।
मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
- स्वास्थ्य आपातकालीन प्रतिक्रिया और प्रबंधन के लिए क्षमताओं का विकास।
- ब्लॉक, जिला और राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण।
- रोग निगरानी प्रणाली को आधुनिक तकनीक के साथ मजबूत करना।
- लैब नेटवर्क और परीक्षण सुविधाओं का विस्तार।
Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana की प्रमुख विशेषताएं:
- कुल बजट – लगभग 64,180 करोड़ रुपये की लागत से यह योजना 2021-22 से 2025-26 तक लागू की जा रही है।
- स्वास्थ्य अवसंरचना –
- जिला स्तर पर एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (Public Health Labs) की स्थापना।
- 17 नए सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का निर्माण, जो वर्तमान और भविष्य की बीमारियों से निपटने में मदद करेंगे।
- 15 स्वास्थ्य आपातकालीन ऑपरेशन केंद्र और 2 मोबाइल अस्पतालों का विकास।
- रोग निगरानी नेटवर्क –
- ‘राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र’ (NCDC) को सशक्त किया जा रहा है।
- राज्य और जिला स्तर पर निगरानी इकाइयां स्थापित होंगी।
- टेली-परामर्श और डिजिटल स्वास्थ्य –
- ई-संजीवनी जैसे टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म का विस्तार।
- डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड और डाटा प्रबंधन को बढ़ावा।
Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana के लाभ:
- स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि – ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं आसानी से मिलेंगी।
- आपातकालीन प्रबंधन क्षमता – महामारी, बाढ़, भूकंप जैसी आपदाओं में स्वास्थ्य सेवाओं की त्वरित प्रतिक्रिया संभव होगी।
- रोजगार के अवसर – स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार से डॉक्टर, नर्स, लैब तकनीशियन और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए रोजगार बढ़ेंगे।
- सस्ती और गुणवत्तापूर्ण उपचार – सरकारी अस्पतालों में आधुनिक उपकरण और सेवाओं की उपलब्धता से गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होगा।
- रोगों पर प्रभावी नियंत्रण – रोग निगरानी प्रणाली के सशक्त होने से संक्रमण फैलने से पहले ही रोकथाम संभव होगी।
Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana के अंतर्गत किए जा रहे सुधार:
- जिला और ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों में आधुनिक सुविधाओं का निर्माण।
- 15 नई स्वास्थ्य आपातकालीन प्रयोगशालाएं और बायो-सुरक्षा लैब्स की स्थापना।
- एनसीडीसी (NCDC) को वैश्विक मानक के अनुसार उन्नत बनाना।
- स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन के लिए आईटी प्लेटफॉर्म का विकास।
Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana का महत्व:
यह योजना सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली से न केवल लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी। स्वस्थ नागरिक ही उत्पादक समाज और प्रगतिशील राष्ट्र का आधार होते हैं।
COVID-19 जैसी महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश ही भविष्य को सुरक्षित बनाने का सबसे अच्छा तरीका है। इस दृष्टि से आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना एक दीर्घकालिक समाधान के रूप में उभर रही है।
निष्कर्ष:
आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना भारत के स्वास्थ्य ढांचे को नई दिशा देने वाली ऐतिहासिक पहल है। इसका लक्ष्य है – हर नागरिक को समय पर, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना। यदि इस योजना के सभी घटकों को सही तरीके से लागू किया जाए, तो आने वाले वर्षों में भारत न केवल बीमारियों से लड़ने में सक्षम होगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली वाला देश बनकर उभरेगा।
यह योजना वास्तव में “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत को स्वास्थ्य क्षेत्र में साकार करती है। एक मजबूत और आत्मनिर्भर स्वास्थ्य ढांचा ही “नया भारत” बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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